Ahmedabad,में आ गया….

तो फाइनली हमने (मतलब में इसमे सिर्फ मेरा ही नही देखना चाहता, इसमे मेरे पूरे परिवारका सहयोग है) अहमदाबाद में अपना फ्लेट में ग्रह प्रवेश किया। जिसमे मेरी बहन और उनके पूरे परिवारका काफी योगदान रहा। अहमदाबाद। अहमदाबाद सिटी की कहानी मेरे जीवनमे काफी सालो पहले शरू हुवी थी।
मुझे अभीभी याद है, में जब 2006-07 में आया था तब शिवरंजनी का ब्रिज बन रहा था उसके बाद में 2009 में राजकोट में रहा उसके बाद 2010 से अहमदाबाद का सफर शरू हुवा। 2010में जब अहमदाबाद आया था तब मुकेशभाई और रविभाई के साथ रामदेव नगर, सेटेलाइट में एक रुम में रुका था और साथ मे कोल सेंटर में जॉब की शरुआत की थी। और ये जॉब काफी दिनों नही चली और तीन महीने में ही में वापस वेरावल चला गया। फिरसे थोड़े दिनों के बाद मामा के घर पर रहकर gpsc के क्लास शरू किये। वो भी करीब एक साल किया उसके बाद फिरसे वेरावल!!! फिर BigB यानी कि बड़े भाई के साथ जो हुवा उसको देखते हुवे सोचा था के अब वेरावलमे ही रहना है मगर वो कहेते हे ना के अगर तकदिरमे अगर लिखा हे तो वहां जाना ही होगा और फिरसे 2018 में खयाल आया के, नही में वेरावल में सेट होने के लिए नही हु। आखिर कर जनवरी 2019में वेरावलसे बाहर पहेले मोरबीमे तीन महीने जॉब की, वहां पर बहनके घर रहा। मगर इस बार भी तकदीर कुछ और ही चाहती थी और वहां से आया अहमदाबाद अप्रीलमें। अहमदाबाद में Fafa furnitures llp में जॉब start की। काफी अच्छा अनुभव मिला। काफी नये लोगोसे जान पहचान हुवी, गुजरात से बाहर और भारत से बहार भी बिझनेस करने का मौका मिला और अभीभी वो अनुभव शरू ही है। मेने जो ये सब बकवास लिखी हे, उसमे में ये कहना चाहता हु के, अहमदबादमें में सेट होने में मेरा अकेले का ही योगदान नही है, में अपने सब परिवार के लोगो को आभार व्यक्त करना चाहता हु जो, मुकेशभाई, रविभाई, हिरेनभाई, मामा के घरसे सबको, और मेरी बहन और DK(DharmeshKumar) और उनके घर वाले सब को। एक छोटासा दुख भी है साथ मे की, हम जहां पर बडे हुवे वहासे जा रहे हे, मगर वो कहेते है ना के, अगर कुछ पाना हो तो कुछ खोना भी पड़ता है। और कौन जाने तकदीर शायद अहमदाबाद से भी आगे कही और ले जाये।
Thank You So Much All.